interesting facts about Pankaj Tripathi in hindi

कॉलेज के दिनों मे जाना पड़ा जेल 

कॉलेज मे पढ़ते हुए वे राजनीती मे सक्रिय थे और बीजेपी छात्र संगठन आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य थे। साल 1993 मे लालू प्रसाद यादव की सरकार के खिलाफ कुछ कारणो को लेकर आंदोलन करने पर पंकज त्रिपाठी को सात दिनों के लिए जेल जाना पड़ा था। हालाकी बाद मे उन्होने राजनीती मे आने का फैसला भी किया था लेकिन बाद मे अपने विचारो को बदल लिया। 

पिता बनाना चाहते थे डॉक्टर 

पंकज त्रिपाठी (pankaj tripathi) के पिता बनारस त्रिपाठी चाहते थे की उनका बेटा डॉक्टर बने। इसलिए पिता का इच्छा पूरा करने के लिए पंकज ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा दो बार दी और असफल रहे। फेल हो जाने के बाद चाचा की सलाह से  होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने लगे। 

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घर मे नही था टीवी 

पंकज (pankaj tripathi) कहते है कि जब वे छोटे थे तो उनके घर मे टीवी नही था। क्लास 10th तक वे फिल्मों के बारे मे नही जानते थे। एंटेरटेनमेंट के लिए भी रंगमंच उनके गाँव से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। 

होटल मे दो सालो तक खाना बनाने का काम किया  

जब पंकज होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे थे तब उन्हे अपने खर्चो को चलाना मुसकिल पड़ रहा था इसलिए उन्होने पटना के मौर्य होटल मे रसोइया का काम शुरू कर दिया था। रसोइया के रूप मे पंकज ने लगभग दो सालो तक काम किया। 

नाटक “अंधा कुआं” देखकर रोने को हो गए मजबूर 

लक्ष्मीनारायण लाल के द्वारा रचा गया थिएटर नाटक “अंधा कुआं” उनके जीवन का महत्वपूर्ण मोड बना। एक साक्षात्कार मे उन्होने कहा  “मेरा जीवन पूरी तरह से बदल गया जब  अभिनेत्री प्रणिता जायसवाल एक शक्तिशाली एकालाप थी। दृश्य को देखकर मै रोने लगा और मुझे उस समय महसूस हुआ की यह कितना प्रभावशाली माध्यम है किसी चीज को प्रस्तुत करने का। 

pankaj tripathi actor

सालभर खाई खिचड़ी 

पंकज को थिएटर देखना बहोत पसंद था इसलिए उन्होने पटना मे बिहार आर्ट थिएटर जॉइन कर लिया। वे कहते है थिएटर करते समय वे हर महीने गाँव जाते थे और घर से चावल, दाल और सरसो का तेल बोरे मे भरकर पटना ले आते थे। महीनेभर के खाने का इंतजाम हो जाता था। इस तरह उन्होने सालभर खिचड़ी बनाकर खाई है।    

यादगार के रूप मे चप्पल चुराई 

जब पंकज होटल मे नौकरी करते थे तब उन्हे पता चला कि मनोज बाजपेयी होटल मे ही रुके हुए है। मनोज से मिलने के लिए वे उनके कमरे मे ऑर्डर लेने के लिए गए और हाथ मिलाया। साथ ही बताया कि मैं भी थियेटर करता हूं। वे कहते है जब वह होटल के कमरे से बाहर निकले तो किसी ने मुझे बताया कि मनोज ने अपनी चप्पल कमरे में ही छोड़ दी है।  मैंने कहा कि इसे वापस मत करो मेरे लिए इसे छोड़ दो, मैं इसे आशीर्वाद और यादगार के रूप में अपने पास रखूंगा। 

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चार साल तक किया थिएटर 

1995 मे भीष्म साहनी की कहानी पर बनी नाटक “लीला नंदलाल” मे पहली बार पंकज को देखा गया। इस नाटक मे पंकज एक स्थानीय चोर की भूमिका मे नजर आए थे जो कि बहोत छोटी सी भूमिका थी। इस नाटक को डायरेक्ट किया था विजय कुमार ने। 1996 के बाद थिएटर मे उन्हे नियमित तौर से देखा जाने लगा था। इस तरह लगभग चार सालो तक उन्होने थिएटर किया है। 

pankaj tripathi

दो बार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने कर दिया था रिजेक्ट 

पटना मे नौकरी करने के बाद पंकज साल 2001 मे दिल्ली आ गए और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा मे प्रवेश ले लिया। हालाकी इससे पहले वे दो बार नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के द्वारा रिजेक्ट किए जा चुके थे। तीसरी बार मे उन्हे सफलता मिली थी, यहा से उन्होने साल 2004 मे स्नातक पूरी की।  

कैसे मिले अपनी पत्नी से 

पंकज त्रिपाठी ने लव मैरिज की है, इससे पहले उनके गाँव मे किसी ने लव मैरिज नही की थी। पंकज की पत्नी बताती है कि मेरे भाई की शादी पंकज के बहन से हुई है। पंकज को उन्होने भाई के तिलक मे देखा था। दोनों ने पहली नजर मे ही एक-दूसरे को पसंद कर लिया था। पुछने पर पता चला कि यह लड़का दुल्हन का भाई है। उस समय मोबाइल फोंस नही हुआ करते थे इसलिए बाते करना थोड़ा मुसकिल था। समय के साथ दोनों की नज़दीकियाँ बढ़ती गई। पंकज पटना मे थे और उनकी पत्नी कोलकाता मे दोनों ने तय किया कि वे हर दिन सुबह 7.30 बजे और रात 8 बजे, लैंडलाइन नंबर के जरिए एक-दूसरे से बात किया करेंगे। 14 जनवरी 2004 को दोनों ने शादी की थी। 

पत्नी के खर्चो पर चलता था घर 

एक दोस्त के कहने पर स्नातक के बाद पत्नी के साथ 16 अक्टूबर 2004 को मुम्बई आ गए। यहा दो महीने तो दोस्त के यहा रहे बाद मे किराए का घर ढूंढ लिया। एक्टर बनना आसान नही था और घर चलाने के लिए पैसा चाहिए इसलिए पंकज ने पत्नी को टीचर की नौकरी करने की सलाह दी। कुछ स्कूलों मे आवेदन करने के बाद उन्हे नौकरी मिल गई। पंकज कहते है कि उस समय घर की सारी जिम्मेदारिया मृदुला ने उठा ली थी इसलिए फुटपाथ मे सोने जैसी नौबत नही आई। 

Pankaj Tripathi and Mridula on their wedding day
Pankaj Tripathi and Mridula on their wedding day

छोटी – छोटी कई भूमिकाए की 

साल 2004 में फिल्म ‘रन’ फिल्म में एक छोटी से कॉमेडी भूमिका निभाई थी जिसके लिए उन्हें कोई भी क्रेडिट नहीं दिया गया था । साल 2004 से लेकर 2010 तक पंकज ने छोटे पर्दे पर कई छोटी भूमिकाएं और टाटा टी का एक विज्ञापन किया था। और साल 2010 में स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाला “गुलाल”  टीवी कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

pankaj tripathi acting debut film run
pankaj tripathi acting debut film “run”

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर ने दिलाई सही पहचान 

मुम्बई आने के आठ साल बाद पंकज को साल 2012 मे गैंग्स ऑफ़ वासेपुर फिल्म मे काम करने का मौका मिला। इसके लिए उन्हे आठ घंटे चले  ऑडिशन मे भाग लेना पड़ा था। फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में “सुल्तान” की भूमिका ने उन्हें दर्शकों व आलोचकों के पास खिच लाई, लोगो के जुबा पे उनका नाम आने लगा। पंकज का अभिनय लोगो ने खूब पसंद किया। इसके बाद उन्हे लगातार अच्छे ऑफर आने लगे। 

फिल्मोग्राफी 

साल फ़िल्म भूमिका टिप्पणी
2004 रन    
2005 अपहरण गया सिंह का मित्र  
2006 ओमकारा किचलू  
2007 धर्म सूर्यप्रकाश  
2008 मिथ्या तिपनिस  
शौर्य मेजर वीरेंद्र राठौड़  
2009 चिंटू जी पप्लू यादव  
बारह आना इंस्पेक्टर  
2010 वाल्मीकि की बंदूक बीडीओ त्रिपाठी लघु कहानी
रावण    
आक्रोश किशोर  
2011 चिल्लर पार्टी सेक्रेटरी दुबे  
2012 अग्निपथ सूर्या  
गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1 सुल्तान कुरेशी  
गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 2  
दबंग 2 फिलावर  
2013 एबीसीडी वर्धा भाई  
रंगरेज़ बृजबिहारी पांडे  
फुकरे पंडित  
अनवर का अजब किस्सा अमोल  
माज़ी राठीजी  
जनता V/S जनार्दन – बेचारा आम आदमी    
Doosukeltha Dilleeswara राव तेलुगु फ़िल्म
2014 गुंडे लतीफ़  
सिंघम रिटर्न्स अल्ताफ़  
2015 मांझी: द माउंटेन मैन रुआब  
लाइफ बिरयानी    
मसान Sadhya जी  
दिलवाले अनवर  
2016 निल बट्टे सन्नाटा प्राचार्य श्रीवास्तव  
ग्लोबल बाबा डमरू  
मैंगो ड्रीम्स सलीम English
2017 कॉफ़ी विद डी गिरधारी  
अनारकली ऑफ आरा Rangeela  
न्यूटन आत्मा सिंह  
गुड़गांव Kehri सिंह  
बरेली की बर्फी नरोत्तम मिश्रा  
फुकरे रिटर्न्स पंडित  
मुन्ना माइकल बल्ली  
2018 कालाकांडी    
काला पंकज पाटिल तमिल फ़िल्म
अंग्रेज़ी में कहते हैं फ़िरोज़  
फेमस त्रिपाठी  
स्त्री रुद्रा  
हरजीता कोच पंजाबी फ़िल्म
भैयाजी सुपरहिट बिल्डर गुप्ता  
यौर्स ट्रूली विजय World premiere at the 23rd BIFF in October 2018.
2019 लूका छुपी   पोस्ट-प्रोडक्शन
ड्राइव हामिद
सुपर 30  
2020 शकीला (फिल्म)  
83 द फ़िल्म मन सिंह

 

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